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नगरीय विकास के पीएस को हाउसिंग बोर्ड का अध्यक्ष बनाया:मंत्री की आपत्ति के बाद भी 3 महीने से पीएस के पास हाउसिंग बोर्ड का चार्ज, अब आदेश भी निकले

नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई को मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल (हाउसिंग बोर्ड) का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए। यह आदेश भी तब निकले हैं, जब नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। बताया जा रहा है कि प्रमुख सचिव ने तीन माह पहले ही बोर्ड का चार्ज ले लिया था, लेकिन सीएमओ से मंजूरी के बाद 7 जून को आदेश जारी हो गए। सूत्रों के मुताबिक जब प्रमुख सचिव को चार्ज दिया जा रहा था, तब विजयवर्गीय ने उच्च स्तर पर अपनी असहमति दर्ज कराई थी। हालांकि इसके बाद भी चार्ज प्रमुख सचिव ने ले लिया। जानकारी के अनुसार यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी दो मंत्री प्रहलाद पटेल और गोविंद सिंह राजपूत ऐसे ही मामले में असहमति जता चुके हैं। जानकारी के अनुसार विभागों के अधीन आने वाले निगम-मंडलों के अध्यक्ष का पद यदि रिक्त है तो भारसाधक मंत्री ही उनके अध्यक्ष हो जाते हैं, लेकिन अभी कुछ प्रमुख सचिवों को अध्यक्ष बना दिया गया है। हाल ही में श्रम विभाग के अधीन श्रम कल्याण मंडल, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल और असंगठित शहरी ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल का अध्यक्ष प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा को बनाया गया तो श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने फैसले पर असहमति जताई। इसी तरह खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम और भंडार गृह निगम के अध्यक्ष पद का प्रभार अपर मुख्य सचिव स्मिता घाटे ने लिया। धर्मेंद्र लोधी संस्कृति पर्यटन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के मंत्री हैं, उनके पास राज्य पर्यटन विकास निगम के खाली अध्यक्ष का प्रभार नहीं है। विभाग के पीएस के पास प्रभार है। दूसरी तरफ चैतन्य कश्यप, निर्मला भूरिया, राकेश शुक्ला, दिलीप जायसवाल के पास उनके निगमों का प्रभार है। राजनीतिक नियुक्ति होने तक दिया जिम्मा पूर्व में एक आदेश पर सारे निगम-मंडलों में अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के साथ सभी राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। इसी के बाद प्रमुख सचिव जिम्मा संभाल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि नई राजनीतिक नियुक्ति होने तक वे काम करेंगे। इसकी कवायद बजट सत्र के बाद प्रारंभ होने की उम्मीद है। असहमति व्यक्त करने वाले मंत्री पूर्व में कह चुके थे कि वे लोकसभा चुनाव के बाद इस पर बात करेंगे। संभावना है कि मंत्री अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे।

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