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इंदौर के 100 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में छापे:FIR के बाद पुलिस का एक्शन, निपानिया और मदीना नगर पहुंची पुलिस, देर रात दो आरोपी हिरासत में

नगर निगम में 107 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी है। रविवार को सुबह पुलिस पहले अपटॉउन निपानिया में आरोपी राहुल वडेरा के यहां दबिश दी। इसके बाद मदीना नगर स्थित आरोपी मोहम्मद सिद्दीकी के घर पहुंची। दोनों जगहों पर नगर निगम के अधिकारी भी मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस और निगम की टीम ने 8 जगहों पर छापेमारी की है। पुलिस ने आरोपियों के घर में सर्चिंग की। पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार रात को एक एफआईआर दर्ज की थी। रविवार देर रात पुलिस ने फरार दो आरोपी साजिद सिद्दीकी और जाकिर सिद्दीकी को आईटी पार्क क्षेत्र से हिरासत में लिया है। नगर निगम का यह घोटाला अब 107 करोड़ तक पहुंच गया है। पांचों कंपनियों ने वर्ष 2015 से वर्ष 2022 तक 107 करोड़ रुपए के 188 बिल वित्त विभाग में प्रस्तुत किए। वर्ष 2022 के पहले इन फर्मों द्वारा प्रस्तुत सभी 168 बिलों के एवज में 79 करोड़ का भुगतान हो चुका है। सिर्फ 20 बिल से जुड़ा 28 करोड़ रुपए का भुगतान रुका है। इन पांचों फर्म नींव कंस्ट्रक्शन (मो. साजिद), ग्रीन कंस्ट्रक्शन (मो. सिद्दीकी), किंग कंस्ट्रक्शन (मो. जाकिर), क्षितिज इंटरप्राइजेस (रेणु वडेरा) और जाह्नवी इंटरप्राइजेस (राहुल वडेरा) के खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज करवा चुका है। पुलिस ने इन आरोपियों पर 10 हजार रु. का इनाम भी घोषित किया है। निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने इन सभी फर्मों को ब्लैक लिस्टेट कर इनके सारे भुगतान पर रोक लगा दी है। शुक्रवार देर रात एफआईआर दर्ज एमजी रोड पुलिस ने फर्जी बिल बनाकर नगर निगम में पेश करने के मामले में शुक्रवार देर रात एक और एफआईआर दर्ज कर ली। पुलिस ने इसमें तीन आरोपी बनाए हैं। एमजी रोड पुलिस के मुताबिक मोहम्मद साजिद, निवासी खजराना नगर, मोहम्मद सिद्दीकी, निवासी मदीना नगर और राहुल वडेरा निवासी आशीष नगर को आरोपी बनाया है। तीनों पर शुक्रवार देर रात धारा 420 सहित धोखाधड़ी की अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। निगम की समिति भी कर रही जांच पुलिस के साथ ही निगम की आंतरिक समिति भी जांच कर रही है। बीते 10 सालों में इन फर्मों को कितना भुगतान हुआ है। उन सभी कामों का भौतिक सत्यापन भी करवाया जा रहा है। 188 में से 10 फाइलें जनकार्य, उद्यान सहित अन्य विभागों की बताई जा रही हैं। हैरानी यह है कि इन फर्मों को सारा भुगतान हो चुका है जबकि कई ऐसे भी ठेकेदार हैं जो पिछले भुगतान के लिए निगम के चक्कर लगा रहे हैं। वर्ष 2022 के पहले इन पांचों फर्मों ने अपना सारा भुगतान निगम से ले लिया। नगर निगम में बिलों के फर्जीवाड़े से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें महापौर सरकार से जांच की मांग कर चुके हैं महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नगर निगम में हुए 28 करोड़ रु. के फर्जी बिल घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रमुख सचिव (नगरीय प्रशासन) को पत्र लिखा है। इसमें अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं कि उन्होंने इतने लम्बे समय तक घोटाले को क्यों छिपाए रखा? घोटाले की फाइलें कार में क्यों रखी थी और कैसे चोरी हो गई? उन्होंने 2022 से पहले हुए नाला ट्रैपिंग की भी जांच की मांग की है। पूरी खबर नगर निगम में 28 करोड़ का घोटाला:जमीन के अंदर हुए कामों के लगाए फर्जी बिल, ठेकेदारों के हवाले आईडी-पासवर्ड इंदौर नगर निगम में 28 करोड़ का घोटाला:200 करोड़ का प्रोजेक्ट; 40 फर्म, फर्जी बिलों पर निगम के खाते से कटा 56 लाख का GST ये खबरें भी पढ़ें दफ्तर में चाहिए तरक्की तो अपनाएं ये 7 टिप्स:सही काम से ज्यादा जरूरी सही एटीट्यूड, ये पर्सनल हैबिट्स हैं काम की दीपक जोशी बोले- बस स्टॉप में 1 लाख का कमीशन:राजगढ़ में कहा- सांसद,MLA को सबसे ज्यादा कमीशन इसी में मिलता है, मैने भी थोड़ा-बहुत लिया शाह की चेतावनी से 6 मंत्री डेंजर जोन में:औसत से कम हुई मंत्रियों के क्षेत्र में वोटिंग, 9 विधायकों के यहां ज्यादा मतदान साबुन बेचते थे MDH वाले दादाजी:एवरेस्ट वाले पुड़िया में देते थे मसाले, आज एक का रेवेन्यू 1759; दूसरे का 2600 करोड़

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